बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 गृहविज्ञान
प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले तत्व बताइए।
उत्तर -
(Factors Affecting Meal Planning)
अच्छे आहार का आयोजन एक बहुत बड़ी कला है। इसे कई कारक प्रभावित करते हैं, जो निम्नलिखित हैं-
1. परिवार की आर्थिक स्थिति,
2. समय व खाद्य साधनों की उपलब्धता,
3. पोषक तत्वों की आवश्यकता,
4. भौगोलिक स्थिति,
5. सामाजिक कारक,
6. सांस्कृतिक एवं धार्मिक तत्व।
1. परिवार की आर्थिक स्थिति या आर्थिक कारक
(Economical Factors of Family)
आहार का आयोजन पूर्णतः आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। जिस तरह की आर्थिक स्थिति हो उसी के अनुरूप ही खाद्य पदार्थों का चयन किया जाता है यही कारण है कि निम्न आय वर्ग के आहार में अनाजों की अधिकता रहती है, जबकि उच्च आय वर्ग के आहारों में अनाज कम तथा दूध, दही, मेवे, मिष्ठानों आदि की प्रधानता रहती है।
नीचे तालिका में तीनों वर्ग के परिवारों के लिए एक दिन भर के लिए आहार योजना नमूने के तौर पर दी जा रही है -
उच्चवर्गीय परिवार
सुबह का नाश्ता | चाय, नींबू पानी, दूध, अण्डा, डबलरोटी, मक्खन, जैम, सेब, पनीर। |
दोपहर का खाना | मटर पुलाव, चपाती, दही-बड़ा, चिकन करी, गोभी की सब्जी, सलाद, आइसक्रीम। |
शाम की चाय | चाय, कॉफी, दूध, फल का रस, बर्फी, पेटीज, या सैण्डविच |
रात का खाना | सूप, सलाद, मटर पनीर की सब्जी, मशरूम की सब्जी, नॉन, पुडिंग फल |
मध्यम वर्गीय परिवार
बह का नाश्ता | चाय, पराठा, आलू सब्जी, दूध की चाय, केला। |
दोपहर का खाना | चावल, दाल, आलू गोभी की सब्जी, चपाती, सलाद, चटनी। |
शाम की चाय | पकौड़े, शक्कर पारे, चाय या दूध |
रात का खाना | खिचड़ी, दही, पापड़, अचार, चपाती, मटर की सब्जी, फ्रूट सलाद। |
निम्नवर्गीय परिवार
सुबह का नाश्ता | चाय, डबल रोटी, नमकीन रोटी |
दोपहर का खाना | चावल, बैंगन की सब्जी, अमरूद |
शाम की चाय | चाय, मुरमुरा या लाई का लड्डू |
रात का खाना | रोटी, चौलाई की सब्जी, कढ़ी, गुड़ |
2. समय व खाद्य साधनों की उपलब्धता
(Availability and Material Resources)
आहार आयोजन को यह तत्व बहुत अधिक प्रभावित करता है कि भोजन तैयार करने के लिए महिला के पास कितना समय उपलब्ध है। पुराने समय में गृहणियों के पास आहार आयोजन के लिए पर्याप्त समय हुआ करता था। परन्तु आज महिलाओं के पास बहुत कम समय उपलब्ध है। अतः उन सब व्यंजनों का आयोजन करना बेकार है जिन्हें बनाने में काफी सयम लगता है तथा जिसके बनाने की प्रक्रिया लम्बी है। जैसे रसोई के लिए आजकल आधुनिक तकनीक से निर्मित उपकरण उपलब्ध है जिनकी वजह से आहार आयोजन में लगने वाला समय घटा है। कुछ बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आहार आयोजन करने पर समय व शक्ति की बचत और अधिक की जा सकती है।
1. लम्बी प्रक्रियाओं से गुजारकर तैयार होने वाले खाद्य पदार्थों को भोजन में स्थान न दें।
2. ऐसे आहार या खाद्य पदार्थ जो एक साथ ज्यादा मात्रा में तैयार हो जायें उन्हें आहार आयोजन में स्थान दें।
3. बेक किये हुए व्यंजन भी आहार आयोजन में अवश्य सम्मिलित किये जायें
4. एक साथ दो, तीन पदार्थ मिलाकर यदि व्यंजन तैयार किए जाते हैं तो भी बहुत सुविधा रहती है।
3. पोषक तत्वों की आवश्यकता
(Requirements of Nutrients)
आहार आयोजन करते समय केवल स्वाद की ओर ध्यान न देकर भोजन की पौष्टिकता व पर्याप्तता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी भोज्य समूहों से खाद्य पदार्थों का चुनाव किया जाए ताकि आहार संतुलित बन सके। प्रमुख चार, भोज्य समूहों में से खाद्य पदार्थ चुने जाये। ये चार समूह निम्न है -
1. दाल, दूध, अण्डा, माँस, मछली समूह।
2. पत्तेदार सब्जियाँ, पीले नारंगी फल।
3. अनाज व उनसे बने पदार्थ 1
4. शक्कर व वसा।
आहार आयोजन करते समय यह भी ध्यान में रखा जाये कि किस उम्र, लिंग व क्रियाशीलता वाले सदस्य घर में हैं घर में वयस्कों व बुजुर्गों की संख्या अधिक होने पर फलों सब्जियों व दूध आदि का चुनाव अधिक किया जाये।
4. भौगोलिक स्थिति
(Geographical Location)
किसी देश व स्थान की भौगोलिक स्थिति का भोजन से सम्बन्धित आदतों पर प्रभाव पड़ता है समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के आहार में मछली की प्रमुखता रहती है, वहीं समुद्र से दूर स्थित क्षेत्रों में मछली यदा कदा ही प्रयोग में लायी जाती है किसी क्षेत्र विशेष में उगायी जाने वाली फसलों का भी उस स्थान के लोगों की भोजन सम्बन्धित आदतों पर प्रभाव पड़ता है। वे उन्हें आहार में प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में सम्मिलित करते हैं बाहरी स्थानों से * लाये जाने वाले खाद्य पदार्थ जो कि तुलनात्मक रूप से महँगें होते हैं, कम प्रयोग में लाये जाते हैं।
5. सामाजिक कारक
(Social Factors)
भोज्य पदार्थों को कुछ सामाजिक मूल्य भी प्रदान कर दिया गया है। महँगे तथा मुश्किल से उपलब्ध खाद्य पदार्थों को प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। अन्य खाद्य पदार्थों से अलग हटकर जिन खाद्य पदार्थों का फ्लेवर होता है। वे खाद्य पदार्थ जिन्हें बनाने में लम्बी प्रक्रिया व समय लगता है। प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थ माने जाते हैं। उच्चवर्गीय व्यक्ति इन प्रतिष्ठित खाद्य पदार्थों को ही अपने दैनिक आहार में शामिल कर लेते हैं, चाहे इन खाद्य पदार्थों का पोषण मूल्य उच्च न हो। सस्ते या आसानी से उपलब्ध या जल्दी उपलब्ध हो जाने वाले खाद्य पदार्थों को निम्न स्तर का दर्जा दिया जाता है। उच्चवर्गीय परिवार तो इन्हें निम्न स्तरीय मानते हुए आहार में स्थान ही नहीं देना चाहता भले ही इसका पोषण बहुत उच्च क्यों न हो।
6. सांस्कृतिक एवं धार्मिक तत्व
(Cultural and Religious Factors)
सांस्कृतिक परिवेश तथा रीति-रिवाज किसी भी भोज्य पदार्थ के प्रचलन या उपयोग में लाने का कारण बन जाते हैं। मान्हेगो तथा ली के अनुसार किसी भी परिस्थिति विशेष में व्यक्ति के द्वारा ग्रहण किया जाने वाला भोजन वास्तव में उसके परिवार के संस्कार से ही निश्चित होता है। संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होते हैं तथा इनके द्वारा ही व्यक्ति के सम्पूर्ण रहन-सहन का तरीका भी प्रभावित होता है। संस्कारों का प्रभाव व्यक्ति के भोजन पर भी पड़ता है। भोजन से सम्बन्धित आदतें इतने पुराने समय से चली आ रही हैं। इन आदतों में आसानी से परिवर्तन नहीं लाया जा सकता तथा व्यक्ति की भोजन से सम्बन्धित आदतें देख कर उनकी सामाजिक संरचना, आर्थिक, स्थिति, धार्मिक परिवेश तथा विभिन्न पदार्थों के विविध उपयोगों के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।
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- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- "आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार क्या है? सन्तुलित आहार आयोजित करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
- प्रश्न- आहार द्वारा कुपोषण की दशा में प्रबन्ध कैसे करेंगी?
- प्रश्न- वृद्धावस्था में आहार को अति संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- आहार में मेवों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझती हैं? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- वर्जित आहार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- शैशवावस्था में पोषण पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- शिशु के लिए स्तनपान का क्या महत्व है?
- प्रश्न- शिशु के सम्पूरक आहार पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- किन परिस्थितियों में माँ को अपना दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए?
- प्रश्न- फार्मूला फीडिंग आयोजन पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- 1-5 वर्ष के बालकों के शारीरिक विकास का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 6 से 12 वर्ष के बालकों की शारीरिक विशेषताओं का वर्णन करते हुए उनके लिए आवश्यक पौष्टिक आहार की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये।
- प्रश्न- एक सुपोषित बच्चे के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- वयस्क व्यक्तियों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था की प्रमुख पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ कौन-कौन-सी हैं?
- प्रश्न- एक वृद्ध के लिए आहार योजना बनाते समय आप किन बातों को ध्यान में रखेंगी?
- प्रश्न- वृद्धों के लिए कौन से आहार सम्बन्धी परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है? वृद्धावस्था के लिए एक सन्तुलित आहार तालिका बनाइए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिए एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था क्या है? इसकी विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था का क्या अर्थ है? मध्यावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शारीरिक विकास का क्या तात्पर्य है? शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले करकों को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक विकास का क्या अर्थ है? क्रियात्मक विकास को परिभाषित कीजिए एवं मध्य बाल्यावस्था में होने वाले क्रियात्मक विकास को समझाइये।
- प्रश्न- क्रियात्मक कौशलों के विकास का वर्णन करते हुए शारीरिक कौशलों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक विकास के लिए किन मानदण्डों की आवश्यकता होती है? सामाजिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्वों की विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- बालक के सामाजिक विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समाजीकरण से आप क्या समझती हैं? इसकी प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक विकास से क्या तात्पर्य है? इनकी विशेषताओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर बाल्यावस्था में सामाजिक विकास का क्या तात्पर्य है? उत्तर बाल्यावस्था की सामाजिक विकास की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग का क्या अर्थ है? उत्तर बाल्यावस्था में संवेगात्मक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास की विशेषताएँ लिखिए एवं बालकों के संवेगों का क्या महत्व है?
- प्रश्न- बालकों के संवेग कितने प्रकार के होते हैं? बालक तथा प्रौढों के संवेगों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों के भय के क्या कारण हैं? भय के निवारण एवं नियन्त्रण के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- संज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए। संज्ञान के तत्व एवं संज्ञान की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक विकास से क्या तात्पर्य है? इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं? वाणी एवं भाषा का क्या सम्बन्ध है? मानव जीवन के लिए भाषा का क्या महत्व है?
- प्रश्न- भाषा- विकास की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा-विकास से आप क्या समझती? भाषा-विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में पाये जाने वाले भाषा सम्बन्धी दोष तथा उन्हें दूर करने के उपाय बताइए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? भाषा के मापदण्ड की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- भाषा से आप क्या समझती हैं? बालक के भाषा विकास के प्रमुख स्तरों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भाषा के दोष के प्रकारों, कारणों एवं दूर करने के उपाय लिखिए।
- प्रश्न- मध्य बाल्यावस्था में भाषा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक बुद्धि का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'सामाजीकरण की प्राथमिक प्रक्रियाएँ' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बच्चों में भय पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य शारीरिक परिवर्तन, संवेगात्मक अवस्थाओं को समझाइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक अवस्था में होने वाले परिवर्तन क्या हैं?
- प्रश्न- संवेगों को नियन्त्रित करने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- क्रोध एवं ईर्ष्या में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बालकों में धनात्मक तथा ऋणात्मक संवेग पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के अधिगम विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के मनोभाषिक सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बालक के हकलाने के कारणों को बताएँ।
- प्रश्न- भाषा विकास के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भाषा दोष पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भाषा विकास के महत्व को समझाइये।
- प्रश्न- वयः सन्धि का क्या अर्थ है? वयः सन्धि अवस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - (a) वयःसन्धि में लड़के लड़कियों में यौन सम्बन्धी परिपक्वता (b) वयःसन्धि में लैंगिक क्रिया-कलाप (e) वयःसन्धि में नशीले पदार्थों का उपयोग एवं दुरूपयोग (d) वय: सन्धि में आहार सम्बन्धी आवश्यकताएँ।
- प्रश्न- यौन संचारित रोग किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख यौन संचारित रोग कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एच. आई. वी. वायरस क्या है? इससे होने वाला रोग, कारण, लक्षण एवं बचाव बताइये।
- प्रश्न- ड्रग और एल्कोहल एब्यूज डिसआर्डर क्या है? विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोर गर्भावस्था क्या है? किशोर गर्भावस्था के कारण, लक्षण, किशोर गर्भावस्था से बचने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- युवाओं में नशीले पदार्थ के सेवन की समस्या क्यों बढ़ रही है? इस आदत को कैसे रोका जा सकता है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास, भाषा विकास एवं नैतिक विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता का क्या अर्थ है? सृजनात्मकता की परिभाषा लिखिए। किशोरावस्था में सृजनात्मक विकास कैसे होता है? समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की परिभाषा देते हुये उसकी अवस्थाएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था की विशेषताओं को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- किशोरावस्था में यौन शिक्षा पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख समस्याओं पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- किशोरावस्था क्या है? किशोरावस्था में विकास के लक्षण स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था को तनाव या तूफान की अवस्था क्यों कहा गया है?
- प्रश्न- प्रारम्भिक वयस्कावस्था में 'आत्म प्रेम' (Auto Emoticism ) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था से क्या आशय है?
- प्रश्न- किशोरावस्था में परिवर्तन से सम्बन्धित सिद्धान्त कौन से हैं?
- प्रश्न- किशोरावस्था की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- आत्म की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- शारीरिक छवि की परिभाषा लिखिए।
- प्रश्न- प्राथमिक सेक्स की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- किशोरावस्था के बौद्धिक विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सृजनात्मकता और बुद्धि में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- प्रौढ़ावस्था से आप क्या समझते हैं? प्रौढ़ावस्था में विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कावस्था के मानसिक लक्षणों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- वैवाहिक समायोजन से क्या तात्पर्य है? विवाह के पश्चात् स्त्री एवं पुरुष को कौन-कौन से मुख्य समायोजन करने पड़ते हैं?
- प्रश्न- प्रारंभिक वयस्कतावस्था में सामाजिक विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- उत्तर व्यस्कावस्था में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं तथा इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कौन-कौन सी रुकावटें आती हैं?
- प्रश्न- वृद्धावस्था से क्या आशय है? संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में संज्ञानात्मक सामर्थ्य एवं बौद्धिक पक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पूर्व प्रौढ़ावस्था की प्रमुख विशेषताओं के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- युवा प्रौढ़ावस्था शब्द को परिभाषित कीजिए। माता-पिता के रूप में युवा प्रौढ़ों के उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में रचनात्मक समायोजन पर टिप्पणी लिखिए?
- प्रश्न- उत्तर वयस्कावस्था (50-60 वर्ष) में हृदय रोग की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- वृद्धावस्था में समायोजन को प्रभावित करने वाले कारकों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- उत्तर-वयस्कावस्था में स्वास्थ्य पर टिप्पणी लिखिए।